शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

“भारतीय प्रेरक वक्ता (मोटिवेशनल स्पीकर) का लंदन के हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में सम्मान”

(मिनोचर पटेल को कथा यू.के. ग्लोबल एक्सिलेंस सम्मान प्रदान करते हुए लॉर्ड किंग। बाएं से तेजेन्द्र शर्मा, दीप्ति शर्मा, लॉर्ड तरसेम किंग, काउंसलर ज़कीया ज़ुबैरी, मिनोचर पटेल एवं ग्रेग हीटन, मैनिजिंग डायरेक्टर – नैटवैस्ट बैंक)

(लंदन – 15 अप्रैल 2011) “दुर्भाग्यवश हमे अप्रसन्न या दुःखी रहने की आदत हो गई है। हमारा दिमाग़ एक बन्दर की तरह है, जिसे जो सिखाया जाता है, सीख जाता है। अधिकतर लोगों को दूसरों को दुखी देख कर प्रसन्नता का अहसास होता है। याद रखिये जब तक हम जीवित हैं हमारे पास मुस्कुराने का विकल्प मौजूद है। मृत्यु के बाद तो एक स्थाई दुःख का भाव हमारे चेहरे पर छाने ही वाला है।” यह कहना था भारत के प्रतिष्ठित प्रेरक वक्ता श्री मिनोचर पटेल का। अवसर था लंदन के हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में कथा यूके द्वारा उन्हें कथा यू..के. ग्लोबल एक्सिलेंस सम्मान देने का। उन्हें यह सम्मान लॉर्ड तरसेम किंग ने महत्वपूर्ण लोगों की उपस्थिति में प्रदान किया।

प्रसन्नता कैसे हासिल की जा सकती है – यही बता रहे थे मिनोचर पटेल अपने एक घंटे के सुरूचिपूर्ण वक्तव्य में। लगातार मुस्कुराते और हँसते श्रोताओं को मिनोचर पटेल ने प्रसन्न रहने के लिये 6 गुरूमंत्र बताए। उनका कहना था, “संतुलन; नकारत्मकता का त्याग; अनासक्त आसक्ति; ऐसे जियो जैसे कि आज आख़री दिन है; न्यूनतम आशा रखना और एक अच्छा इन्सान बनने का प्रयास करने में ही प्रसन्न रहने की कुंजी छिपी है।

काउंसलर ज़कीया ज़ुबैरी ने हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में मिनोचर पटेल का स्वागत करते हुए कहा, “आज के तनाव एवं चिंतायुक्त समय में प्रसन्न रह पाना बहुत कठिन हो गया है। हम परेशान और दुखी रहने के लिये सौ तिकड़में करते हैं मगर हमने ख़ुश रहने के साधारण तरीक़े नहीं सीखे हैं। यद्यपि कथा यू.के. विश्व पटल पर हिन्दी साहित्य को स्थापित करने के लिये कटिबद्ध है और इस ओर लगातार प्रयास करती है। हमारा आज का कार्यक्रम निश्चित रूप से एक नई दिशा में एक नया क़दम है। मुझे पूरा विश्वास है कि आज का कार्यक्रम हमें ख़ुशी प्रदान करेगा, आपको ख़ुशी प्रदान करेगा और इस कार्यक्रम के बाद आप जिस जिस से मिलेंगे, उन्हें भी ख़ुशी देगा।”

नेटवेस्ट बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर (रिटेल) श्री ग्रेग हीटन ने मिनोचर पटेल के 6 गुरू मंत्रों की तारीफ़ करते हुए कहा कि अपने कार्यालय के वातावरण को सौहार्दपूर्ण बनाने के लिये इन गुरू मंत्रों का पालन करना ज़रूरी है।

कथा यू.के. की उपसचिव दीप्ति शर्मा का कहना था, “प्रसन्नता की ख़ासियत यह है कि जब व्यक्ति प्रसन्न होता है तो यह उसके शरीर, मन और आत्मा से प्रेषित होती है। यह एक ऐसी सकारात्मक भावना है जो कि इन्सान के भीतरी व्यक्तित्व का अनावरण करती है।”

अध्यक्ष पद से बोलते हुए लॉर्ड किंग ने जीवन में प्रसन्नता के महत्व पर ज़ोर देते हुए मिनोचर पटेल को धन्यवाद दिया कि उन्होने अपने विचारों को श्रोताओं के साथ साझी किया। उन्होंने कथा यू.के. के साथ अपने पुराने रिश्तों को याद करते हुए कहा कि भविष्य में भी कथा यू.के. यूं ही समुदाय से जुड़े काम करते रहेगी। उन्होंने कथा यूके को पूरे सहयोग का आश्वासन भी दिया।

कथा यूके के महासचिव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए नेहरू सेंटर की निदेशिका श्रीमती मोनिका मोहता को विशेष धन्यवाद दिया जिन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों में विशेष रूप से बैंक अधिकारी शामिल थे – नेटवेस्ट बैंक के ग्रेग हीटन, स्टुअर्ट ऑल्ड्रिच, शैरन रॉबिन्सन, तामेर सैंसर एवं अब्दुल ख़ान; हबाब बैंक ए.जी. ज़्यूरिख़ के नय्यर ज़ैदी, हसन ज़िया, ख़ुर्शीद सिद्दीक़ि एवं मेसम अली; स्टेट बैंक से अजय कालरा; भारतीय उच्चायोग से श्रीमती पद्मजा; बीबीसी हिन्दी के भूतपूर्व अध्यक्ष कैलाश बुधवार; जी.एल.ए. लंदन के सदस्य मुराद क़ुरैशी; काउंसलर के.सी. मोहन, काउंसलर सुनील चोपड़ा; बिज़नस समुदाय से हातिम सुत्तरवाला, असमा सुत्तरवाला, सक़ीना सुत्तरवाला, अब्बास गोकल, रुकैया गोकल; शिक्षाविद फ़िल जेकमैन; साहित्यकार उषा राजे सक्सेना; डा. किशन उपाध्याय, के.बी.एल. सक्सेना, राखाल साहा, इंदर स्याल, दयाल शर्मा, इस्माइल चुनारा एवं अरुणा अजितसरिया।

- तेजेन्द्र शर्मा

सोमवार, 11 अप्रैल 2011

१७वां अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान घोषित।

कथा (यू. के.) के महा-सचिव एवं प्रतिष्ठित कथाकार श्री तेजेन्द्र शर्मा ने लंदन से सूचित किया है कि वर्ष 2011 के लिए अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान पत्रकार कथाकार श्री विकास कुमार झा को उनके (राजकमल प्रकाशन से 2010) में प्रकाशित उपन्यास मैकलुस्कीगंज पर देने का निर्णय लिया गया है। यह उपन्यास दुनियां के एक अकेले एंगलो-इंडियन ग्राम की महागाथा है। इस सम्मान के अन्तर्गत दिल्ली-लंदन-दिल्ली का आने-जाने का हवाई यात्रा का टिकट एअरपोर्ट टैक्स़, इंगलैंड के लिए वीसा शुल्क़, एक शील्ड, शॉल, तथा लंदन के खास-खास दर्शनीय स्थलों का भ्रमण आदि शामिल होंगे। यह सम्मान श्री विकास कुमार झा को लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में 27 जून 2011 की शाम को एक भव्य आयोजन में प्रदान किया जायेगा। सम्मान समारोह में भारत और विदेशों में रचे जा रहे साहित्या पर गंभीर चिंतन भी किया जायेगा।

इंदु शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना संभावनाशील कथा लेखिका एवं कवयित्री इंदु शर्मा की स्मृति में की गयी थी। इंदु शर्मा का कैंसर से लड़ते हुए अल्प आयु में ही निधन हो गया था। अब तक यह प्रतिष्ठित सम्मान चित्रा मुद्गल, संजीव, ज्ञान चतुर्वेदी, एस आर हरनोट, विभूति नारायण राय, प्रमोद कुमार तिवारी, असग़र वजाहत, महुआ माजी, नासिरा शर्मा, भगवान दास मोरवाल एवं हृषिकेश सुलभ को प्रदान किया जा चुका है।

७ अक्टूबर 1963 को जन्मे विकास कुमार झा ने सोशियॉलोजी में एम.ए. की डिग्री हासिल की है। वे रविवार, आउटलुक, एवं माया जैसी पत्रिकाओं के संपादन विभाग से जुड़े रहे। आजकल वे राष्ट्रीय प्रसंग पत्रिका के संपादक के रूप में कार्यरत हैं। वे हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में समान रूप से लिखते रहे हैं। सम्मानित उपन्यास के अतिरिक्त उनका कविता संग्रह इस बारिश में, उपन्यास भोग, निबन्ध संग्रह – परिचय पत्र एवं स्वतंत्र भारत का राजनीतिक इतिहास – सत्ता के सूत्रधार प्रकाशित हो चुके हैं। वे टेलिविज़न पर ऐंकर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान भारत एवं विदेशों में रचे जा रहे हिन्दी साहित्य के बीच के रिश्तों पर गंभीर चर्चा होगी।

वर्ष 2011 के लिए पद्मानन्द साहित्य सम्मान इस बार लेस्टर निवासी कथाकार एवं ग़ज़लकार नीना पॉल को उनके उपन्यास तलाश (अयन प्रकाशन) के लिये दिया जा रहा है। अम्बाला (भारत) में जन्मी नीना पॉल ने एम.ए., बी.एड. की डिग्रियों के अतिरिक्त संगीत की भी बाक़ायदा शिक्षा ली है। सम्मानित उपन्यास के अतिरिक्त उनके पांच ग़ज़ल संग्रह कसक, नयामत, अंजुमन, चश्म-ए-ख़्वादीदा, मुलाक़ातों का सफ़र और एक उपन्यास रिहाई प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी ग़ज़लों का एक ऑडियो सी.डी. कसक के नाम से भी जारी हो चुका है।

इससे पूर्व ब्रिटेन के प्रतिष्ठित हिन्दी लेखकों क्रमश: डॉ सत्येन्द श्रीवास्तव, दिव्या माथुर, नरेश भारतीय, भारतेन्दु विमल, डा. अचला शर्मा, उषा राजे सक्से्ना, गोविंद शर्मा, डा. गौतम सचदेव, उषा वर्मा, मोहन राणा, महेन्द्र दवेसर एवं कादम्बरी मेहरा को पद्मानन्द साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

कथा यू.के. परिवार उन सभी लेखकों, पत्रकारों, संपादकों मित्रों और शुभचिंतकों का हार्दिक आभार मानते हुए उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता है जिन्होंने इस वर्ष के पुरस्कार चयन के लिए लेखकों के नाम सुझा कर हमारा मार्गदर्शन किया।